रांची, 14 अक्टूबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में ‘जल जीवन मिशन’ योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को रांची में कई स्थानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि झारखंड की राजधानी में 20 से अधिक जगहों पर तलाशी ली जा रही है। चाईबासा और पश्चिम सिंहभूम जिले में कुछ स्थानों पर भी छापे मारे गए।
उन्होंने बताया कि ईडी पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री कर्मचारी मिथिलेश ठाकुर के निजी स्टाफ में शामिल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मनीष रंजन, उनके भाई, कुछ सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों के परिसरों की भी तलाशी ले रहा है।
रंजन भूमि, सड़क और भवन विभाग के सचिव हैं और ईडी उनसे पहले भी धन शोधन के एक अलग मामले में पूछताछ कर चुका है, जिसमें उसने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि ये छापेमारी ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के पार्टी के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी केंद्र सरकार के निर्देश पर काम कर रही है। उन्होंने मांग की कि एजेंसी को उनके आवास के अलावा उनसे जुड़े अन्य लोगों से की गई बरामदगी की सूची जारी करनी चाहिए।
ठाकुर ने कहा, ‘‘लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि मुझसे जुड़े परिसरों से कितनी धनराशि, अवैध दस्तावेज, सोना, हीरे और अन्य जवाहरात बरामद किए गए।’’
मंत्री ने कहा कि वह भाजपा में शामिल होने के बजाय फांसी पर लटकना या अपना पूरा जीवन जेल में बिताना पसंद करेंगे।
उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं को परेशान करने के इरादे से ‘‘केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करने’’ का आरोप लगाते हुए केंद्र पर निशाना साधा।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए जल्द चुनाव कराए जाने की घोषणा होने की उम्मीद है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी ईडी की छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया।
ईडी की छापेमारी की कार्रवाई में मदद के लिए उसकी टीम को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम उपलब्ध कराई गई है।
धन शोधन का यह मामला ‘जल जीवन मिशन’ में कथित अनियमितताओं के संदर्भ में जांच से जुड़ा है।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य घर घर नल के जरिए स्वच्छ एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।
ईडी ने ‘जल जीवन मिशन’ में इसी तरह की धन शोधन से संबंधित जांच पिछले साल राजस्थान में शुरू की थी, जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)