खेल की खबरें | ईस्ट बंगाल को चीजों को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए: क्लब के दिग्गज भूटिया, भौमिक

कोलकाता, एक अगस्त ईस्ट बंगाल (ईबी) के पूर्व दिग्गजों बाईचुंगा भूटिया और सुभाष भौमिक ने शनिवार को कहा कि क्लब को ‘चीजों को स्वीकार कर’ आगे बढ़ने के बारे में सोचना चाहिए।

अपने अस्तित्व में आने का शताब्दी समारोह मना रहा यह क्लब पिछले कुछ दिनों से मुश्किल स्थिति का सामना कर रहा है।

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विपरीत परिस्थितियों में 1920 में अस्तित्व में आये ईस्ट बंगाल ने भारत के सबसे सफल क्लबों में से एक बनने के साथ शहर के 131 साल पुराने मोहन बागान क्लब के साथ प्रतिद्वंद्विता स्थापित की।

क्लब की स्थापना एक अगस्त 1920 को हुई थी।

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क्लब हालांकि बिना प्रायोजक के देश की शीर्ष लीग इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है जबकि मोहन बागान ऐसा करने में सफल रहा।

लंबे समय तक क्लब का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय फुटबॉल के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक भूटिया ने कहा कि ईस्ट बंगाल को आईएसएल में जगह मिलने से टूर्नामेंट का महत्व और बढ़ेगा।

भूटिया ने कहा, ‘‘ ईस्ट बंगाल के एक प्रशंसक, खिलाड़ी के रूप में हम इसे शीर्ष स्तर के लीग खेलते देखना पसंद करेंगे, जो अभी आईएसएल है। हम ईस्ट बंगाल को आईएसएल में देखना चाहते हैं। हर किसी को उस दिशा में काम करना चाहिए और हम सबका यह उद्देश्य होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप इस साल आईएसएल में जगह नहीं बना पाते हैं और वे (फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड) लीग में टीमों की संख्या को नहीं बढ़ा रहे हैं तो हमें चीजों को स्वीकार कर के भविष्य में प्रयास जारी रखना होगा।’’

इस 43 साल के पूर्व खिलाड़ी ने क्लब के 100 साल होने पर प्रशंसकों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि ईस्ट बंगाल को आईएसएल में जगह मिलने से टूर्नामेंट और खेल का स्तर ऊंचा होगा।’’

भारत के इस पूर्व कप्तान ने 2003 के आसियान कप जीत और 1997 फेडरेशन कप सेमीफाइनल हैट्रिक को क्लब के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ क्षणों के रूप में चुना।

टीम के इंडोनेशिया में आसियान चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले कोच भौमिक ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि ईस्ट बंगाल देश के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से एक हैं।

उन्होंने ईस्ट बंगाल और आईएसएल को लेकर चल रही चर्चा के बारे में कहा, ‘‘ भारत के किसी अन्य क्लब को विदेशी धरती पर एक टूर्नामेंट जीतने दीजिये और फिर ईस्ट बंगाल के बारे में बात करिये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आज क्लब के अधिकारियों और प्रशंसकों के लिए मेरी विनम्र अपील है कि आईएसएल में खेलने का मौका नहीं मिलने से उदास रहना बंद करिये। अगर हमें आई-लीग खेलना है तो ऐसा हो। लेकिन हम विजयी होकर लौटेंगे।’’

एफएसडीएल के स्वामित्व वाली आईएसएल को पिछले साल एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) द्वारा शीर्ष स्तरीय दर्जा दिया गया था। एएफसी ने भी आईएसएल को 2020-21 सत्र के अंत तक दो आई-लीग क्लबों के प्रवेश का मार्ग खोलने के लिए कहा था।

ईस्ट बंगाल के पूर्व कप्तान मेहताब हुसैन ने कहा कि टीम को अगर इस साल भी आईएसएल में जगह नहीं मिलता है तो भी उन्हें दृढ़ और सकारात्मक बने रहना होगा।

टीम के लिए 2013 में एएफसी कप सेमीफाइनल खेलने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘अगर हमें आईएसएल में खेलने के लिए नहीं मिलता है तो कोई पछतावा नहीं होना चाहिए। हम अभी भी आई-लीग के माध्यम से क्वालीफिकेशन हासिल कर सकते हैं।’’

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