ताजा खबरें | पिछले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 8,263 करोड़ रुपये अर्जित किए: सरकार

नयी दिल्ली, पांच अगस्त सरकार ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के माध्यम से 8,263 करोड़ रुपये की राशि अर्जित की है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार को जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी की दर में छूट या कमी के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देय होती है।

मंत्री के जवाब के अनुसार, हालांकि समाज के गरीब वर्गों और दिव्यांगों के लिए कुछ बीमा योजनाएं, जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई), सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना, जन आरोग्य बीमा पॉलिसी और निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना को जीएसटी से छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से जीएसटी संग्रह 8,262.94 करोड़ रुपये रहा, जबकि स्वास्थ्य पुन: बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये जमा किए गए।

चौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 7,638 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पुन: बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 963 करोड़ रुपये जुटाए गए।

मंत्री के उत्तर के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से 5,354 करोड़ रुपये का जीएसटी जुटाया गया, जबकि स्वास्थ्य पुन: बीमा प्रीमियम से 826 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में अर्जित किए गए।

उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि एक जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा क्षेत्रों में जीएसटी लगाई जाती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उद्योग जगत की ओर से सेवा कर वापस लेने की मांग की जा रही है, चौधरी ने कहा, ‘‘जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी की दर में छूट या कमी के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें और छूट जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर निर्धारित की जाती हैं, जो एक संवैधानिक निकाय है जिसमें केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)