देश की खबरें | पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होने से शांति बहाली हो सकती है : भारत

नयी दिल्ली, 8 जुलाई पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिमी सेक्टर में संघर्ष के शेष क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने से ही सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली एवं द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से यह बात कही ।

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के शेष इन क्षेत्रों से सैनिकों के जल्द पीछे हटने से ही सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली एवं द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति तथा द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

गौरतलब है कि 25 जून को भारत और चीन के बीच डिजिटल माध्यम से सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 22वीं बैठक हुई जिसमें दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़ी स्थितियों पर खुलकर विचारों का आदान-प्रदान किया । दोनों पक्ष टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए परस्पर स्वीकार्य समाधान की खातिर बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए।

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य गतिरोध है। हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी।

समझा जाता है कि कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी गतिरोध बरकरार है ।

पिछले महीने सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटे बिना स्थिति सामान्य नहीं हो सकती है और भारतीय सेना क्षेत्र में सभी स्थितियों के लिये तैयार है।

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