इंदौर, 23 मार्च मध्यप्रदेश में कोविड-19 के नये मामलों में लगातार उछाल के प्रति आम लोगों को आगाह करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह सूबे में महामारी के गहराते संकट से बेचैन हैं। उन्होंने लोगों से अपील भी की कि मौजूदा हालात के मद्देनजर वे महामारी से बचाव की हिदायतों का पूरी तरह पालन करें।
उन्होंने कोविड-19 को लेकर यहां एक जन जागरूकता कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने बहुत मुश्किल से इस महामारी पर नियंत्रण प्राप्त किया था और एक वक्त ऐसा भी आया जब राज्य भर में (दैनिक आधार पर) इसके नये मामलों की संख्या घटकर महज 141 रह गई थी। लेकिन आज इसके 1,500 से ज्यादा नये मामले सामने आए जिनमें अकेले इंदौर के 387 मामले शामिल हैं।’’
चौहान ने कहा, ‘‘यह एक खतरनाक संकेत है और हमें समय रहते संभलना होगा। इसलिए लोगों को भीड़-भाड़ वाले उत्सव मनाना कुछ दिनों के लिए छोड़ना होगा और अपने घरों में ही होली मनानी होगी।’’
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में कोविड-19 की ताजा लहर इसकी पिछली लहर से तेज है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के चलते वहां से यात्री बसों के मध्यप्रदेश आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘मैं हर्गिज नहीं चाहता कि राज्य में लम्बी अवधि का लॉकडाउन लगाया जाए क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था ध्वस्त, व्यापार चौपट और गरीबों का जीना मुश्किल हो जाता है एवं उनकी रोजी-रोटी छिन जाती है। हम ऐसा होने देना नहीं चाहते। इसलिए राज्य के बड़े शहरों में केवल रविवार को लॉकडाउन जारी रहेगा।’’
चौहान ने कोविड-19 को लेकर आम जन में जागरूकता फैलाने के लिए राज्य सरकार के "संकल्प" अभियान के तहत यहां की मशहूर चाट-चौपाटी "56 दुकान" में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान जब सायरन बजा, तो वह अन्य लोगों के साथ अपनी जगह पर थमे दिखाई दिए।
चश्मदीदों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 56 दुकान क्षेत्र के दुकानदारों और ग्राहकों को मास्क पहनाए। इसके साथ ही, दुकानों के सामने ग्राहकों के लिए शारीरिक दूरी बरकरार रखने के चिन्ह लगाए।
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित जिला है जहां हाल के दिनों में महामारी के नये मामलों में बड़ा इजाफा दर्ज किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में 24 मार्च 2020 लेकर अब तक महामारी के कुल 64,896 मरीज मिले हैं। इनमें से 945 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
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