नयी दिल्ली, दो जून देश में बिजली की खपत मई में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत बढ़कर 156.31 अरब यूनिट (बीयू) हो गई है। इसका एक प्रमुख कारण देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी है जिसकी वजह से ठंडक देने वाले एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
मई, 2023 में बिजली की खपत 136.50 अरब यूनिट थी। मई, 2024 में एक दिन में अधिकतम आपूर्ति (पूरी की गई अधिकतम मांग) भी बढ़कर 250.07 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 221.42 गीगावाट थी। इससे पिछली अधिकतम आपूर्ति 243.27 गीगावाट थी, जो सितंबर, 2023 में दर्ज की गई थी।
पिछले महीने बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट और जून, 2024 के लिए दिन के दौरान 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग का अनुमान लगाया था।
मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया है कि इन गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली की खपत में वृद्धि के साथ-साथ मांग में बढ़ोतरी की मुख्य रूप से मई में पारा चढ़ने के कारण हुई है। जबर्दस्त गर्मी की वजह से एसी और कूलर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि इस गर्मी के दौरान बिजली की मांग और खपत स्थिर बनी रहेगी। आंकड़ों से पता चलता है कि शनिवार एक जून को अधिकतम आपूर्ति 245.41 गीगावाट थी।
पूरे जून, 2023 में अधिकतम बिजली की मांग 224.10 गीगावाट दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों ने कहा कि जून के पहले दिन के आंकड़े से स्पष्ट संकेत मिलता है कि पूरे महीने बिजली की मांग मजबूत बनी रहेगी।
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