कांग्रेस पृष्ठभूमि के कारण उइके को मौका नहीं मिला राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने का: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को दावा किया कि राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में थीं, लेकिन कांग्रेस पृष्ठभूमि के कारण उन्हें मौका नहीं मिला।

सीएम भूपेश बघेल (Photo: ANI)

रायपुर, 23 जून  : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बुधवार को दावा किया कि राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में थीं, लेकिन कांग्रेस पृष्ठभूमि के कारण उन्हें मौका नहीं मिला. बुधवार देर शाम दिल्ली से लौटने के बाद रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने भाजपा पर महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार गिराने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.

भाजपा के नेतृत्व वाली राजग ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार तय किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या राजग द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एक आदिवासी नेता का चुनाव आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए किया गया है, बघेल ने कहा, ''अनुसुइया उइके जी (जो आदिवासी समुदाय से हैं) भी लगी हुई थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला, क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की है. पहले वह कांग्रेस की विधायक थीं, जिसके कारण उन्हें (राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने का) अवसर नहीं मिला.'' यह भी पढ़ें : बढ़ते कोविड मामलों पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज समीक्षा बैठक करेंगे

महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ''जिस तरह से पुलिसकर्मी उन्हें धक्का दे रहे थे (शिवसेना के विधायकों को सूरत से असम ले जाने का जिक्र करते हुए), यह दिखाई दे रहा है. यह खरीद फरोख्त, छल, बल, डर, सब का इस्तेमाल करते हैं. जब नारायण राणे, हिमंत बिस्वा सरमा और मुकुल रॉय विपक्ष में थे तब उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आयकर (आईटी) द्वारा मामले बनाए गए थे. लेकिन जब उन्होंने पार्टी बदली तो सब कुछ ठीक हो गया. सब समझते हैं कि जब वे वहां (भाजपा खेमे में) जाते हैं तो सब कुछ साफ हो जाता है.''

उन्होंने कहा, ''भाजपा राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और उन्हें अस्थिर करने में लगी है. इससे पहले उन्होंने कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ऐसा किया था. यहां (छत्तीसगढ़ में) भी वे कोशिश कर रहे हैं. कभी वे ईडी का इस्तेमाल करते हैं तो कभी आईटी का. वे अवैध फोन टैपिंग भी करा रहे हैं.'' बघेल ने आरोप लगाया, ''इससे पहले राज्य में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान, विपक्षी नेताओं, नौकरशाहों, पत्रकारों और यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के फोन टैप किए जा रहे थे. यह उनका स्वभाव है.''

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