New Delhi: नशे में धुत व्यक्तियों ने जेएनयू से दो छात्राओं के अपहरण की कोशिश की, एक व्यक्ति पकड़ा गया
बयान के मुताबिक, जिन छात्राओं पर हमला किया गया उनमें से एक की चिकित्सकीय जांच कराई गई और उसने शिकायत दर्ज कराई है. घटना की निंदा करते हुए जेएनयू प्रशासन ने कहा, "हमने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जेएनयू प्रशासन जांच की प्रक्रिया में पुलिस के साथ समन्वय कर रहा है. उसने आरोपियों को सख्त सजा देने की सिफारिश की है.”
नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर से नशे में धुत कुछ व्यक्तियों द्वारा दो छात्राओं का अपहरण करने की कोशिश के एक दिन बाद पुलिस ने बुधवार को एक व्यक्ति को पकड़ा है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों ने बुधवार को आरोप लगाया कि नशे में धुत कुछ कार सवार लोग परिसर में मंगलवार को घुस आए और उन्होंने दो छात्राओं का अपहरण करने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं.
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मनोज सी ने कहा, "दो शिकायतें जेएनयू के विद्यार्थियों से प्राप्त हुई हैं जिनमें से एक हमले को लेकर और दूसरी छेड़छाड़ व अपहरण के प्रयास से संबंधित है. मामले दर्ज कर लिए गए हैं." VIDEO: दिव्यांग मां के पास नहीं थे बस के पैसे, ट्राई साइकिल से 170 KM तय कर बेटी से मिलने पहुंची बुजुर्ग
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मामलों में आरोपी और घटना में इस्तेमाल किया गया वाहन एक ही है. मामले की जांच जारी है.’’ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक व्यक्ति को पकड़ा है जिसकी पहचान अभिषेक के तौर पर हुई है. उन्होंने बताया कि वह विश्वविद्यालय का छात्र नहीं है.
जेएनयूएसयू ने कुलपति से भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की मांग करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘जेएनयू की कुलपति को भी इस घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. परिसर में बार-बार हो रही सुरक्षा चूक पर कुलपति को जेएनयू के लोगों से बात करनी चाहिए.’’
बयान के मुताबिक, जिन छात्राओं पर हमला किया गया उनमें से एक की चिकित्सकीय जांच कराई गई और उसने शिकायत दर्ज कराई है. घटना की निंदा करते हुए जेएनयू प्रशासन ने कहा, "हमने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जेएनयू प्रशासन जांच की प्रक्रिया में पुलिस के साथ समन्वय कर रहा है. उसने आरोपियों को सख्त सजा देने की सिफारिश की है.”
बयान के मुताबिक, जेएनयू प्रशासन ने परिसर में रहने वाले लोगों से कहा है कि अगर उनके पास इस घटना को लेकर कोई जानकारी है तो वे तत्काल सुरक्षा शाखा या पुलिस से संपर्क करें. उसने कहा कि विश्वविद्यालय किसी तरह की हिंसा को ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करने की नीति का पालन करता है और वह सभी को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
बयान में कहा गया है, “परिसर में महिलाएं सुरक्षित और निडरता से आ जा सकें, यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. हम किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न से निपटने वाले कानून को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
घटना के कुछ घंटे बाद विश्वविद्यालय के सुरक्षा विभाग ने परिसर में बाहरी वाहनों का प्रवेश रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिबंधित कर दिया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जेएनयू इकाई ने घटना की निंदा की और कहा कि वह पीड़िताओं के साथ एकजुटता से खड़ा है. उसने मुख्य सुरक्षा अधिकारी (सीएसओ) के इस्तीफे की मांग की.
एबीवीपी-जेएनयू ने एक बयान में कहा, ‘‘हम घटना की कड़ी निंदा करते हैं और पीड़ितों के साथ एकजुट हैं. दिल्ली में जेएनयू परिसर काफी लंबे समय से शहर में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक रहा है. हालांकि, कुछ हालिया घटनाओं ने उसके सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हम अक्षम सीएसओ के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं.’’ छात्र संगठन ने परिसर में ऐसे ‘‘सुरक्षित व समावेशी’’ माहौल की मांग की, जहां सभी विद्यार्थियों खासकर महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.
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