जम्मू, 16 अक्टूबर कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को विधानसभा चुनाव में ‘‘स्पष्ट बहुमत’’ मिलेगा। कर्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर रखने के लिए समान विचारधारा वाले दलों और व्यक्तियों के लिए दरवाजे खुले हैं।
कर्रा ने कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ यहां करीब साढ़े तीन घंटे की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के लिये अंतिम परिणाम ‘एग्जिट पोल’ में बताए गए आंकड़े से कहीं बेहतर होंगे।
शनिवार को आए ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ में कहा गया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है। भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में मिली 25 सीट की तुलना में इस बार थोड़ा अधिक सीट मिलने की उम्मीद है, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को इस बार 10 से भी कम सीट मिलने का अनुमान जताया गया है। पीडीपी को 10 साल पहले हुए चुनाव में 28 सीट मिली थीं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कर्रा ने कहा, "कांग्रेस-नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए सपष्ट बहुमत मिलेगा और अंतिम नतीजे ‘एग्जिट पोल’ में बताए गए आंकड़े से कहीं बेहतर होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए समान विचारधारा वाले दलों और व्यक्तियों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे।’’
उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों के संभावित मनोनयन पर कर्रा ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल अवधारणा के विपरीत और लोगों के जनादेश को विफल करने के लिए "चुनाव परिणामों में हेराफेरी" के बराबर होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी और भाजपा को उसके मंसूबों में सफल नहीं होने देगी, हालांकि वह सरकार गठन के लिये दावा करने के करीब भी नहीं होगी।’’
शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव पर, कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष कर्रा ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय निर्वाचित सरकार पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा बैठक चुनाव प्रचार प्रक्रिया, प्रशासन की भूमिका और पार्टी और गठबंधन की संभावनाओं के साथ-साथ आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी।
प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीदवारों ने कर्रा को बताया कि पुलिस और प्रशासन भाजपा का पक्षधर है और आरोप लगाया कि प्रशासन सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा चुनावी कदाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में ज्यादातर जगहों पर विफल रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता और असहयोग को बड़ी चिंता के साथ देखा गया।
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