बेंगलुरु, एक नवंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को करों के हस्तांतरण में न्याय की जरुरत पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी को भी दुधारू गाय का पूरा दूध नहीं निकालना चाहिए, अन्यथा बछड़ा कुपोषित हो जाएगा. कर्नाटक के 69वें स्थापना दिवस के अवसर पर बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक के साथ अन्याय हो रहा है.
उन्होंने बताया कि राज्य केंद्र सरकार को चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व दे रहा है और महाराष्ट्र के बाद राजस्व देने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य देश में कर्नाटक ही है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम चार लाख करोड़ से ज़्यादा राजस्व देते हैं, लेकिन हमें सिर्फ़ 55,000 करोड़ से 60,000 करोड़ ही मिल रहे हैं. कन्नड़ लोगों को यह बात पता होनी चाहिए. हमें अपने योगदान का सिर्फ़ 14 से 15 प्रतिशत ही मिल रहा है.’’ यह भी पढ़ें : जनता को ‘मूर्ख बनाकर’ वोट लेने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को माफी मांगनी चाहिए: भाजपा
उन्होंने कहा कि संघीय व्यवस्था के तहत सिर्फ इसलिए कोई अन्याय नहीं होना चाहिए क्योंकि कर्नाटक एक प्रगतिशील राज्य है. सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि एक दुधारू गाय दूध दे रही है, हमें उसका पूरा दूध नहीं निकालना चाहिए. हमें बछड़े के लिए भी थोड़ा दूध छोड़ना चाहिए, नहीं तो वह कुपोषित हो जाएगा. यह बात किसी को कभी नहीं भूलनी चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने कन्नड़ पर गर्व करने और संभंव हो तो इसे रोजाना इस्तेमाल में लाने पर जोर दिया.