नयी दिल्ली, 14 अप्रैल दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (बंद) के दौरान उसके पास घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर आने वाली फोन कॉल में कमी आई है।
दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के मुताबिक, उसने पाया कि बंद के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
डीसीडब्ल्यू ने कहा कि वह अपनी महिला हेल्पलाइन और बलात्कार संकट प्रकोष्ठ के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे काम कर रहा है और महिला पंचायत की टीमें राशन लेने में महिलाओं और उनके परिवारों की मदद कर रही हैं, खासकर जेजे क्लस्टर क्षेत्रों में।
उसने कहा कि उसकी हेल्पलाइन 181 पर प्रति दिन 1500-1800 के बीच कॉल आती हैं। कॉल के विश्लेषण पर, यह देखा गया कि घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति नहीं है, बल्कि इसके विपरीत, आयोग को रिपोर्ट की गई संख्या में कमी आई है।
बंद के दौरान, हेल्पलाइन पर 26 से 31 मार्च के बीच अधिक संख्या में कॉल आई। हेल्पलाइन पर 27 मार्च को 4,341 कॉल, 28 मार्च को 5522 कॉल और 29 और 30 मार्च को 3,000 से अधिक कॉल आईं। अधिकतर कॉल ऐसे लोगों ने कीं जिन्हें बंद के संबंध में संदेह थे।
आयोग ने कहा कि वह सभी शिकायतकर्ताओं को परामर्श देने के साथ-साथ मार्गदर्शन भी करता रहा है।
आयोग ने छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, पीछा करने आदि मामलों में भी गिरावट पाई है।
उसने बताया कि आयोग को 12 मार्च से 24 मार्च के बीच छेड़छाड़ से संबंधित प्रति दिन औसतन छह शिकायतें मिलीं। यह शिकायतें अब कम होकर प्रति दिन औसतन दो से तीन तक हो गई हैं।
आयोग ने बताया कि बलात्कार के मामलों में भी लगभग 71 प्रतिशत की कमी आई है। उसे प्रति दिन औसतन तीन से चार शिकायतें मिलती थीं जो अब कम होकर प्रति दिन अधिकतम एक या दो शिकायतें रह गई हैं। अपहरण के मामलों में भी 90 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है।
आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह चिंताजनक है कि आयोग को बंद के दौरान भी महिलाओं के साथ बलात्कार, पोक्सो, घरेलू हिंसा और साइबर अपराध सहित महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुछ मामले मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा, " कोरोना वायरस के कारण राजधानी में अपराधों की संख्या में कमी आई है। यह दुखद है कि ऐसे समय में भी, जब पूरे देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है, महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार, घरेलू हिंसा जैसे अपराध हो रहे हैं। "
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