चेन्नई, 15 सितंबर राज्य में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के मुद्दे पर डीएमके समेत विपक्षी दलों के दबाव के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने मंगलवार को डीएमके पर निशाना साधते हुए उस पर पूववर्ती यूपीए सरकार का हिस्सा रहने के दौरान यह परीक्षा छात्रों पर ''थोपे'' जाने का आरोप लगाया।
पिछले सप्ताह मेडिकल कोर्स के चार उम्मीदवारों की मौत के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। इस मुद्दे की गूंज मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा में भी सुनाई दी।
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एनईईटी से संबंधित एक मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की पत्नी के नाम का जिक्र होने का विरोध करने के बाद कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया।
कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में एनईईटी शुरू करने का आरोप लगाते हुए पलानीस्वामी ने डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार का हिस्सा होने के नाते डीएमके ने एक ''ऐतिहासिक भूल'' की और देश पर एनईईटी ''थोप'' दिया।
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया, '' 2010 में एनईईटी की बहाली के लिए कौन जिम्मेदार है और उच्चतम न्यायालय द्वारा परीक्षा रद्द किए जाने के बाद कौन अदालत गया था? यह डीएमके है, जोकि राज्य में 13 एनईईटी उम्मीदवारों की मौत के लिए जिम्मेदार है।''
इस बीच, डीएमके नेता एमके स्टालिन ने इस मुद्दे को लेकर एआईएडीएमके पर केंद्र सरकार पर दबाव नहीं डालने का आरोप लगाया।
उन्होंने राज्य विधानसभा द्वारा एनईईटी के खिलाफ पारित किए गए प्रस्ताव पर केंद्र की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया।
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