छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 27 जुलाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने आरक्षण को लेकर समुदायों के बीच ‘‘फूट’’ पर शनिवार को चिंता व्यक्त की तथा कहा कि महाराष्ट्र सरकार को हितधारकों के साथ और बातचीत करनी चाहिए।
पवार (83) छत्रपति संभाजीनगर में एक विश्वविद्यालय में एक किताब के विमोचन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण को लेकर हितधारकों के साथ जो बातचीत होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई है। मुख्यमंत्री लोगों के एक समूह के साथ बातचीत करते हैं, जबकि सरकार में अन्य लोग अलग समूहों के साथ बातचीत करते हैं। इससे गलतफहमी पैदा होती है।’’
पवार ने कहा कि उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ अपनी राय साझा की, जो बातचीत के पक्ष में दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे, (मंत्री) छगन भुजबल और ओबीसी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध अन्य लोगों को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए।’’
पवार ने कहा कि वह ‘‘आरक्षण के मुद्दे को लेकर समुदायों के बीच फूट’’ को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जरांगे ने कहा है कि लिंगायत, मुस्लिम और धनगर (गड़िया) समुदाय को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। ऐसा लगता है कि आरक्षण पर बातचीत की प्रक्रिया सही दिशा में शुरू हो गई है। यदि ऐसा किया जाए तो समाज में कटुता नहीं रहेगी।’’
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राकांपा (एसपी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस के महा विकास आघाडी के बीच सीटों के बंटवारे के बारे में पवार ने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों ने चर्चा के लिए कुछ नामों का सुझाव दिया है।
उन्होंने कहा कि यह सहमति बनी है कि सीटों के बंटवारे पर फैसला सर्वसम्मति से लिया जाएगा।
पवार ने कहा, ‘‘मैंने यह भी कहा है कि जिन वाम दलों ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट की मांग नहीं की थी, उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में सीटें दी जानी चाहिए। सीट बंटवारे पर बातचीत संसद के मौजूदा सत्र के बाद होगी।’’
उन्होंने राज्य सरकार की हाल में घोषित योजनाओं पर भी अपने विचार साझा किए।
राकांपा (एसपी) अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोगों का कहना है कि ‘लाडकी बहिन’ और ‘लाडका भाऊ’ योजनाओं की घोषणा सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ये योजनाएं एक या दो किस्तों के साथ समाप्त हो सकती हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ऐसी योजनाओं पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
पवार ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर हम जो राशि खर्च करते हैं वह ठीक है। लेकिन मोदी ने पहले कहा था कि ऐसी योजनाओं से अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होगी। अब, उन्हें इन योजनाओं के प्रभाव पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए (क्योंकि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सत्ता में है।’’
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