नयी दिल्ली, तीन फरवरी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष पी सी मोदी ने बुधवार को कहा कि आम बजट में प्रस्तावित विवाद समाधान समित की कई शाखाएं होंगी, जिससे छोटे करदाताओं को अपीलीय प्रक्रिया से गुजरे बिना कर मामलों को निपटाने का मौका मिलेगा।
मोदी ने कहा कि आयकर विभाग करदाताओं को सही कर रिटर्न दाखिल करने में मदद के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) या कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) से 26एएस के रूप में मिलने वाली सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने बजट के बाद एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि करदाता स्वेच्छा से कर कानूनों का पालन करें और ईमानदार करदाताओं को ऐसी सभी सुविधाएं मिलें, जिसके वे हकदार हैं और इसके साथ ही जो लोग गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उनका भी ध्यान रखा जाएगा।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि छोटे करदाताओं के मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विवाद समाधान समिति (डीआरसी) की स्थापना की जाएगी, जहां 50 लाख रुपये तक कर योग्य आय और 10 लाख रुपये तक विवादित आय वाले करदाता अपील कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि डीआरसी की स्थापना के पीछे सोच यह है कि निपटान आयोग वास्तव में छोटे करदाताओं की जरूरतों को पूरा नहीं करता था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने एक वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र बनाने की कोशिश की है। इसकी कई शाखाएं होंगी और यह छोटे करदाताओं की जरूरतों को पूरा करेगा। मुझे लगता है कि इससे उन्हें कठोर अपीलीय प्रक्रिया से गुजरे बिना अपने कर मामलों को निपटाने का मौका मिलेगा।’’
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