नयी दिल्ली, 29 मार्च कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद को अतीत में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने का उल्लेख करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग मापदंड हैं।
पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि 2016 में गुजरात के अमरेली से सांसद नारणभाई काछड़िया को एक दलित चिकित्सक की पिटाई के मामले में सजा होने के बावजूद कई हफ्ते तक लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया गया, जबकि राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अदालत का फैसला आते ही अयोग्य करार दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि ऊपरी अदालत में जैसे ही राहुल गांधी का मामला जाएगा और इस पर सुनवाई होगी तो एक मिनट में फैसला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के पक्ष में होगा।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि के खिलाफ जल्द ही ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी।
गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा का सांसद है तो उसके लिए अलग मापदंड होता है, कांग्रेस के लिए अलग मापदंड होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2016 में भाजपा सांसद नारणभाई काछड़िया को चिकित्सक के साथ मारपीट के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति से आग्रह किया कि काछड़िया को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाए क्योंकि तीन साल की सजा हुई थी। लेकिन उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया गया।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसके बाद भाजपा सांसद उच्च न्यायालय पहुंच गए, लेकिन राहत नहीं मिली। फिर उच्चतम न्यायालय में गए जहां उन्होंने माफी मांगी और पीड़ित को पांच लाख रुपये दिए, फिर उनकी सजा पर रोक लगी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘कई हफ्तों तक काछड़िया की सदस्यता खत्म नहीं की गई। लेकिन राहुल गांधी जी की सदस्यता तत्काल खत्म कर दी गई। यह अलग-अलग मापदंड क्यों है?’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके मद्देनजर उनको गत शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था।
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