मुंबई, 12 अगस्त भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार ने शुक्रवार को कहा कि निगम को अपनी सहायक इकाई आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार की तरफ से कोई समयसीमा नहीं दी गई है।
आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 49.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा सरकार और निवेशकों के पास है। एलआईसी ने इस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में रहते समय उसमें हिस्सेदारी ली थी।
कुमार ने एलआईसी के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बीमा कंपनी के पास आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अभी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है।
उन्होंने कहा कि विनिवेश विभाग इस पर काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई अभिरुचि पत्र नहीं मंगाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव भी एलआईसी के पास नहीं आया है।
बीमा कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के पहले कहा था कि वह बैंक बीमा माध्यम का लाभ लेने के लिए आईडीबीआई बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बनाए रखेगा।
सरकार अब आईडीबीआई बैंक से बाहर निकलना चाहती है और इसके लिए वह इस बैंक का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
एजेंसी न्यूज
Bhasha|
Aug 12, 2022 10:38 PM IST
मुंबई, 12 अगस्त भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार ने शुक्रवार को कहा कि निगम को अपनी सहायक इकाई आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार की तरफ से कोई समयसीमा नहीं दी गई है।
आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 49.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा सरकार और निवेशकों के पास है। एलआईसी ने इस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में रहते समय उसमें हिस्सेदारी ली थी।
कुमार ने एलआईसी के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बीमा कंपनी के पास आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अभी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है।
उन्होंने कहा कि विनिवेश विभाग इस पर काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई अभिरुचि पत्र नहीं मंगाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव भी एलआईसी के पास नहीं आया है।
बीमा कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के पहले कहा था कि वह बैंक बीमा माध्यम का लाभ लेने के लिए आईडीबीआई बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बनाए रखेगा।
सरकार अब आईडीबीआई बैंक से बाहर निकलना चाहती है और इसके लिए वह इस बैंक का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
didnt get deadline from government to sell stake in idbi lic chairmanr