देश की खबरें | धनखड़ ने बीबीसी, जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधा; ‘कुटिल’ राजनीति के प्रति आगाह किया

बेंगलुरु, एक मार्च उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को लोगों, खासकर युवाओं को आगाह किया कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थानों की छवि खराब करने के लिए देश में और बाहर जिस तरह की ‘‘भयावह राजनीति’’ चल रही है, उससे बेहद सावधान रहने की जरूरत है।

उन्होंने बगैर नाम लिए 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के वृत्तचित्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के बयानों के लिए निशाना साधा तथा राज्यसभा के आधिकारिक रिकॉर्ड से नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के कुछ अंश को हटाने के अपने फैसले का बचाव करने का भी प्रयास किया।

धनखड़ ने कहा, ‘‘हमारे शासन, लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था और संस्थानों के निष्पक्ष नाम को कलंकित करने के लिए देश के भीतर और बाहर जिस तरह की कुटिल राजनीति करने की कोशिश की जा रही है, उससे हमें बेहद सावधान रहना होगा।’’

बीबीसी के वृत्तचित्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताएं कि आपने दुनिया में कहां एक जांच को दो दशकों तक होते देखा है। ऐसी जांच जिस पर देश की शीर्ष अदालत की निगरानी थी। सभी स्तरों पर 20 साल तक जांच हुई। निचली अदालत, उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय, एसआईटी... 2022 में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया और फिर वृत्तचित्र आया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि देश की शीर्ष अदालत द्वारा मामले पर एक दृढ़ निष्कर्ष आने के बाद अलग राजनीति करने के लिए वृत्तचित्र लाया गया।

धनखड़ ने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि राष्ट्रवाद में विश्वास रखने वाला इस देश का नागरिक चुप रहे? क्या आप वास्तव में इस प्रकार के विमर्शों में शामिल हो सकते हैं? आपको जो ठीक लगता है उस मिथ्या जानकारी से गुमराह कर सकते हैं? युवा दिमाग को इस पर सोचना चाहिए और ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

उपराष्ट्रपति यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के दूसरे परिसर में प्रबंधन विकास केंद्र (एमडीसी) ब्लॉक का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

सोरोस का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह भूल गए कि भारत लोकतंत्र की जननी है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है। धनखड़ ने कहा, ‘‘उनकी (सोरोस) यह सोचने की हिम्मत कैसे हुई कि यह सब कुछ इस देश में चल जाएगा?’’

सदन के पटल पर दिए गए बयान के लिए सांसदों द्वारा प्राप्त छूट के बारे में राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने कहा कि यह प्रतिरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी, जवाबदेही की गहरी भावना के साथ आती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यसभा को किसी के खिलाफ दुष्प्रचार या लापरवाह आरोप लगाने वाला ‘‘अखाड़ा’’ नहीं बनने दूंगा। आप टिप्पणी करने के हकदार हैं, लेकिन प्रमाणित जानकारी होनी चाहिए।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)