कोलकाता, 4 जून : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने गायक कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) की मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को कहा कि नजरूल मंच पर कुप्रबंधन और प्रशासन की विफलता ही केके की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. केके एक कॉलेज द्वारा दक्षिण कोलकाता स्थित नजरुल मंच में एक समारोह में अपनी प्रस्तुति दे रहे थे. वहां करीब एक घंटे तक गाने के बाद जब केके वापस अपने होटल पहुंचे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे. इसके बाद अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गयी थी. राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर दर्शकों की संख्या पर नियंत्रण होना चाहिए था.
धनखड़ ने नयी दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले बागडोगरा हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘गायक की दुखद मौत से मेरा दिल पीड़ा से भर गया है. इससे अधिक कुप्रबंधन नहीं हो सकता था. प्रशासन की इससे और अधिक विफलता नहीं हो सकती थी. कार्यक्रम स्थल पर कोई जोखिम प्रबंधन प्रणाली नहीं थी. वहां कितने दर्शक आ रहे थे, इस पर नियंत्रण होना चाहिए था. संकट के दौरान प्रशासन की ओर से उचित कार्रवाई नहीं की गयी.’’ शहर के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है जहां नजरूल मंच पर उपस्थित लोगों के पास जगह की कमी हो. उन्होंने कहा कि गायक के आगमन से काफी पहले एक सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में कार्यक्रम स्थल पर पुलिस व्यवस्था की गयी थी. यह भी पढ़ें : गीता प्रेस सिर्फ प्रेस नहीं, साहित्य का मंदिर है : रामनाथ कोविंद
केके का मंगलवार रात कोलकाता में नजरूल मंच पर दमदार प्रस्तुति देने के एक घंटे के भीतर निधन हो गया था. ऐसे आरोप लगे हैं कि कार्यक्रम के दौरान वातानुकूलित प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही थी और वहां लगभग 7000 दर्शक थे, जो आयोजन स्थल की क्षमता से लगभग तीन गुना अधिक था. केके की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी मौत हृदयघात से होने के कारण हुई और वह लंबे समय से हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे. मशहूर बॉलीवुड गायक के निधन पर कोलकाता पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.