नई दिल्ली, 24 जून केन्द्र ने बुधवार को कहा कि बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क (थोक दवा एवं चिकित्सा उपकरण पार्क) परियोजनाओं के विकास किये जाने से भारत की आयात पर निर्भरता कम करने और देश को एक प्रमुख दवा निर्यातक देश बनाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने एक बैठक में देश भर में तीन थोक दवा पार्क और चार चिकित्सा उपकरण पार्कों के प्रस्तावित विकास के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।
गौड़ा ने कहा कि पार्कों के स्थानीयता के साथ साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों के चयन के तौर तरीके, कुछ सुपरिभाषित वस्तुनिष्ठ उद्देश्य पर आधारित होना चाहिये ताकि इन पार्कों का व्यवस्थित ढंग से विकास सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘इन योजनाओं से थोक आम औषधियों और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू उत्पादन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।’’
गौड़ा ने कहा, ‘‘इन पार्कों के विकास से न केवल आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी, बल्कि इससे भारत को वैश्विक फार्मा निर्यात के मामले में एक बड़ी हैसियत में ला देगा।’’
मंत्री ने कहा कि ये योजनाएँ समय की मांग हैं। उन्होंने कहा कि देश में सस्ती दरों पर दवाओं का उत्पादन जरूरी है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि के अनुरूप है कि देश में हर नागरिक को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकें।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयात पर निर्भरता कम करने और स्थानीय विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 21 मार्च, 2020 को तीन बल्क ड्रग पार्क और चार मेडिकल डिवाइस पार्कों के विकास के लिए योजनाओं को मंजूरी दी थी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार की बैठक में रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, फार्मास्युटिकल्स विभाग के सचिव पी डी वाघेला, संयुक्त सचिव नवदीप रिनवा और संयुक्त ड्रग्स कंट्रोलर एस ईस्वरा रेड्डी ने भाग लिया।
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