नयी दिल्ली, 27 जून दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने शहर में बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में मंगलवार को सिविल लाइंस इलाके में स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि 2014 के मुकाबले बिजली दरों में तीन गुना वृद्धि हुई है।
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) को नौ प्रतिशत तक बढ़ा दिया है जिसके कारण सब्सिडी नहीं पाने वाले ग्राहकों का मासिक बिजली बिल बढ़ जाएगा।
बिधूड़ी ने कहा कि जब तक केजरीवाल सरकार बढ़ी हुई दरों को वापस नहीं लेती, तब तक भाजपा पीपीएसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेगी।
प्रदर्शन के दौरान भाजपा के एक विधायक ने सवाल किया, ‘‘विभिन्न मुद्दों पर अकसर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने वाले केजरीवाल अब बिजली की बढ़ी हुई दरों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र आहूत क्यों नहीं कर रहे हैं?’’
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) दावा करती है कि उसके सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में बिजली के दाम नहीं बढ़े हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि हर साल बिजली कंपनियों को ‘पिछले दरवाजे’ से बिजली के दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी जाती है।
बिधूड़ी ने कहा, ‘‘तय शुल्क (फिक्स चार्ज), बिजली खरीद समायोजन लागत और बिजली विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन के लिए उपकर (सरचार्ज) के कारण बिजली बिल लोगों पर भारी पड़ने लगा है।’’
वहीं, दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा था कि केन्द्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण बिजली दरों में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं ग्राहकों से बस इतना कहना चाहती हूं कि इस वृद्धि के लिए सिर्फ केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। उसने आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए बाध्य किया है जो घरेलू कोयले के मुकाबले 10 गुना महंगा है। देश में कोयला खानों या कोयले की उपलब्धता में कमी नहीं होने के बावजूद ऐसा किया गया है।’’
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