जरुरी जानकारी | उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर बिजली इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ के करीब 27 लाख सदस्यों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की दो बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण के सरकार के प्रयास के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन किया।

‘ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन’ (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों- पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के निजीकरण के सरकार के कदम के खिलाफ विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन किए गए।

चेयरमैन ने कहा कि यदि वितरण कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया जारी रही तो हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर तक पहुंचेगा।

उन्होंने कहा, “हमारे 27 लाख सदस्य हैं और उन सभी ने आज विरोध प्रदर्शन करते हुए निजीकरण विरोधी दिवस के तौर पर मनाया।”

दुबे ने कहा कि चंडीगढ़ के बिजली विभाग को 871 करोड़ रुपये में एक निजी संस्था को सौंपा जा रहा है, जबकि इसकी परिसंपत्तियों की कीमत 22,000 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि डिस्कॉम- पीवीवीएनएल और डीवीवीएनएल की अरबों रुपये की संपत्ति किस आधार पर निजी घरानों को सौंपी जाएगी।

लखनऊ, वाराणसी, आगरा, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, नागपुर, रायपुर, जबलपुर, भोपाल, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, पटियाला, रांची आदि में विरोध प्रदर्शन हुए।

दुबे ने आरोप लगाया कि यह पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों की अरबों रुपये की संपत्ति को औने-पौने दामों पर बेचने की साजिश है।

दोनों कंपनियां अकेले उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 42 जिलों में बिजली वितरण करती हैं।

अनुराग रमण

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