नयी दिल्ली, 31 जुलाई : राज्यसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए, इस त्राासदी को एक राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, मृतकों एवं घायलों को केंद्र द्वारा दी गयी मुआवजा राशि बढ़ाने और इस प्रकार की घटनाओं के लिए मजबूत चेतावनी तंत्र स्थापित करने का सुझाव दिया. केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर गृह मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए भाजपा के अरुण सिंह ने इस त्रासदी को बेहद हृदयविदारक घटना करार दिया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना के तुरंत बाद राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना में मारे गये लोगों के निकट परिजनों को दो-दो लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वायनाड में राहत एवं बचाव कार्यों में सेना को लगाया गया तथा प्रधानमंत्री कार्यालय इन कार्यों की निरंतर निगरानी कर रहा है. सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद आपदा राहत मद में आवंटन कई गुना बढ़ा दिया गया है. यह भी पढ़ें : कोचिंग सेंटर हादसा: नाले से गाद निकालने की प्रक्रिया के ऑडिट को लेकर रिपोर्ट मांगी गई
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉ. जॉन ब्रिटास ने कहा कि वायनाड में बहुत बड़े स्तर पर तबाही हुई है. उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की गृह मंत्रालय से मांग की. उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने इस आपदा में तीन स्तर .. तलाश, राहत एवं पुनर्वास पर काम करने का लक्ष्य रखकर अपना अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि इस आपदा में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि पड़ोसी जिलों से भी कुछ शव मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा केरल को आर्थिक मदद बढ़ानी चाहिए क्योंकि राज्य पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है और वहां भारी तबाही हुई है.
ब्रिटास ने कहा कि वायनाड जिले में 45 राहत शिविर और दो अस्थायी अस्पताल बनाये गये हैं. उन्होंने कहा कि इस आपदा के बाद से 250 लोग अभी तक लापता हैं. कांग्रेस की जे बी माथेर हाशीम ने कहा कि इस भूस्खलन के कारण जिले में केवल चीखें ही सुनाई दे रही हैं. उन्होंने कहा कि दो लाख रूपये का मुआवजा बहुत कम है और इसे बढ़ाकर 20 लाख रूपये करना चाहिए. यह भी पढ़ें : छात्रों ने एमसीडी आयुक्त से मुलाकात कर दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई
उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील स्थलों की मैपिंग करा कर एक पुख्ता चेतावनी तंत्र बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा ‘‘हमने पूर्व में हुई प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं से कोई भी सबक नहीं लिया.’’ आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात वायनाड में आज चीखों और कराहों की गूंज है. उन्होंने केरल सरकार को राहत पैकेज देने के लिए केंद्र सरकार से मांग की.
उन्होंने भी इस तरह की घटनाओं के लिए चेतावनी तंत्र स्थापित करने की मांग की.
तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि क्या राज्य सरकार को राज्य आपदा राहत कोष का 20 प्रतिशत खर्च करने की अनुमति दी जाएगी? उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार बजट में पश्चिम बंगाल एवं केरल को बाढ़ राहत के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगी? बीजू जनता दल मुजीबुल्ला खान ने कहा कि वायनाड में जो हादसा हुआ, उसमें ओडिशा के दो डॉक्टर भी लापता हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आपदा राहत के लिए विभिन्न उपाय किए थे, यदि केंद्र सरकार उनसे सबक लेकर समय रहते उपाय कर लेती, तो कई लोगों की जान बच सकती थी.
उन्होंने भी वायनाड में भूस्खलन की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की. द्रमुक के तिरुचि शिवा ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जहां वृक्षों की कटाई पर रोक लगाने का सुझाव दिया वहीं राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के तंत्र को मजबूत बनाने का सुझाव दिया. झा ने कहा कि ऐसी आपदाओं के समय, राजनीति करने और आरोप-प्रत्यारोप लगाने के बजाय हम लोगों को एकजुट होना चाहिए. माकपा के वी शिवदासान ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि राहत एवं पुनर्वास के प्रयास करने का समय है. उन्होंने मांग की कि वायनाड के लोगों की मदद के लिए केंद्र द्वारा राज्य सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए.
भाजपा के ईरण्ण कराडी ने जहां इस घटना में मारे गये लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया वहीं माकपा सदस्य ए ए रहीम ने वायनाड में भूस्लखन की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि केरल में एक भी ऐसा आधुनिक रडार नहीं है जो प्राकृतिक घटनाओं की पूर्व जानकारी दे सके.
भाजपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि केरल में बार बार हो रही इस तरह की घटनाओें के लिए एक यह बात भी जिम्मेदार हो सकती है कि वायनाड में अतिक्रमण पर राज्य सरकार ने कोई रोक नहीं लगायी. उन्होंने कहा कि वायनाड के सांसद रह चुके सज्जन घूम घूमकर देश भर की समस्याएं उठाते रहे किंतु यदि उन्होंने पांच साल में वायनाड की समस्याओं को संसद में उठाया होता और प्रधानमंत्री के समक्ष रखा होता तो 143 लोगों की जान बच सकती थी. उन्होंने वायनाड भूस्खलन की घटना की जांच कराये जाने की मांग की. बसपा के रामजी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के लिए प्रकृति जन्य कारणों को तो नहीं रोका जा सकता किंतु मानव जन्य कारणों को अवश्य रोका जा सकता है. भाजपा के लहर सिंह सिरोया ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब पदयात्रा की थी तो उन्होंने वायनाड में हुए अतिक्रमण को अवश्य देखा होगा और उन्हें तब ही इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी. आईयूएमएल के हारिस बीरन, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने सहित विभिन्न सुझाव दिये.