नयी दिल्ली, 23 जुलाई : विपक्षी दलों के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में अगले सप्ताह से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिवसीय चर्चा कराए जाने तथा इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की. विपक्षी दलों के सदस्यों की ओर से यह मांग संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की पहली बैठक में रखी गई. इस बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने की. बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू भी शामिल हुए.
राज्यसभा के निवर्तमान सभापति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पहली बार यह बैठक आयोजित हुई. धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते बीएसी की बैठक का समय सोमवार के बाद बार बार बदला गया. बैठक के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आज उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूरे विपक्ष ने मांग की कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा अगले सप्ताह से शुरू की जाए.’’ तिवारी के अनुसार, यह मांग की गई कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा शुरू होने के अगले दिन, इसे राज्यसभा में शुरू किया जाए और इसके लिए कुल 16 घंटे निर्धारित किए जाएं. यह भी पढ़ें : अदालत ने बच्चे के अपहरण मामले में गवाह के बयान से मुकरने पर आरोपी को किया बरी
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चाहता है कि चर्चा के दौरान कोई प्रस्ताव पारित न किया जाए और चर्चा सामान्य तरीके से चले. तिवारी ने दावा किया ‘‘हमने मांग की है कि चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री को सदन में मौजूद रहना चाहिए और इस संबंध में सरकार से आश्वासन भी मिला है.’’ उन्होंने कहा ‘‘मुझे उम्मीद है कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री सदन में मौजूद रहेंगे.’’ दोनों सदनों में इन दिनों पहलगाम हमला, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के चलते कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.













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