नयी दिल्ली, दो नवंबर प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण मंगलवार को इस मौसम में पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता ''बेहद खराब'' की श्रेणी में दर्ज की गई।
वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी ‘सफर’ के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषक में पराली जलाने का योगदान छह फीसदी रहा जबकि बाकी प्रदूषण का कारण स्थानीय कारक रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, राजधानी में सोमवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 289 दर्ज किया गया। यह रविवार को 289 और शनिवार को 268 दर्ज किया गया था।
दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी एक्यूआई बेहद खराब की श्रेणी में रहा। यह फरीदाबाद में 306, गाजियाबाद में 334, नोएडा में 303 दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है।
दिल्ली में अक्टूबर में मॉनसून की सक्रियता बने रहने और पश्चिमी विक्षोभ के चलते समय-समय पर बारिश होने के कारण पूरे महीने राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई एक भी दिन ''बेहद खराब'' या ''गंभीर'' की श्रेणी में दर्ज नहीं किया गया।
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