देश की खबरें | दिल्ली को अगले दो महीने में 100 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे : केजरीवाल

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को अगले दो महीने में 100 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे।

केजरीवाल ने मंगलवार को ऐसे 11 चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया और कहा कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर बैटरी बदलने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले बैटरी बदलने के केंद्र और चार्जिंग स्टेशन अलग-अलग होते थे लेकिन अब यह सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होगी। इन 11 स्टेशनों पर चार्जिंग के 73 प्वाइंट हैं। अगले दो महीने में दिल्ली को 100 चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से अधिकतर चार्जिंग स्टेशन मेट्रो स्टेशनों पर स्थापित किए जा रहे हैं ताकि लोग अपने वाहनों को चार्जिंग स्टेशनों पर छोड़कर मेट्रो से अपने गंतव्य तक जाएं और वापस आने पर फिर पूरी तरह चार्ज वाहन लेकर घर लौट सकें।

उन्होंने कहा कि चार्जिंग स्टेशन सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बनाए गए हैं, जिसके लिए दिल्ली सरकार ने 100 भूखंडों की पहचान की है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘आज मैंने दिल्ली में 11 चार्जिंग स्टेशनों का उद्घाटन किया। ये एक अनोखे मॉडल पर आधारित हैं। इन स्टेशनों पर वाहनों को चार्ज करने के बाद, उन्हें चलाना बेहद किफायती होगा। आज, दिल्ली ने दुनिया को सबसे सस्ता मॉडल दिया है।’’

उन्होंने कहा कि एक उपयोगकर्ता, अपने वाहन को चार्ज करने के बाद, दोपहिया के लिए 7 पैसे प्रति किलोमीटर, तिपहिया के लिए 8 पैसे और कार के लिए 33 पैसे खर्च करेगा, जो पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से अधिक किफायती है।

अगस्त 2020 में लायी गई महत्वाकांक्षी दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लक्ष्य 2024 तक कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना है।

‘दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन’ उपाध्यक्ष जैसमीन शाह को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने उनकी नियुक्ति की है और सिर्फ मंत्रिमंडल ही उनसे सवाल पूछ सकता है।’’

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के योजना विभाग ने शाह को आम आदमी पार्टी (आप) के ‘‘आधिकारिक प्रवक्ता’’ के तौर पर काम करते हुए ‘‘सरकारी पद का दुरुपयोग’’ करने के आरोप में सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

भाजपा नेता एवं पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। आप ने इस नोटिस को ‘‘गुजरात में पार्टी की बढ़त के चलते दिल्ली सरकार पर एक और हमला करार दिया है।’’

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