(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, पांच जनवरी राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्त शीत लहर के चलते बृहस्पतिवार को मौसम की सबसे सर्द सुबह दर्ज की गई, जब पारा तीन डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। यह बीते दो वर्षों में जनवरी में दिल्ली में दर्ज सबसे न्यूनतम तापमान भी है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली में कई पहाड़ी इलाकों से ज्यादा ठंड दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान डलहौजी (4.9 डिग्री सेल्सियस), धर्मशाला (5.2 डिग्री सेल्सियस), कांगड़ा (3.2 डिग्री सेल्सियस), शिमला (3.7 डिग्री सेल्सियस), देहरादून (4.6 डिग्री सेल्सियस), मसूरी (4.4 डिग्री सेल्सियस) और नैनीताल (6.2 डिग्री सेल्सियस) के मुकाबले कम रहा।
विभाग के अनुसार, दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बृहस्पतिवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा। राष्ट्रीय राजधानी में सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता घटकर 50 मीटर तक रह गई।
विभाग के मुताबिक, शून्य से 50 मीटर तक दृश्यता ‘बहुत घने कोहरे’, 51 मीटर से 200 मीटर तक ‘घने कोहरे’, 201 मीटर से 500 मीटर तक ‘मध्यम कोहरे’ और 501 मीटर से 1000 मीटर तक दृश्यता ‘हल्के कोहरे’ की श्रेणी में आती है।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे के कारण कम से कम 12 ट्रेन डेढ़ से छह घंटे की देरी से चल रही हैं, जबकि दो रेलगाड़ियों के समय में बदलाव करना पड़ा है।
दिल्ली की सफदरजंग वेधशाला में बृहस्पतिवार को पारा तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को वहां न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस और मंगलवार को 8.5 डिग्री सेल्सियस रहा था।
वहीं, लोधी रोड, आयानगर और रिज के मौसम केंद्रों पर न्यूनतम तापमान क्रमशः 2.8 डिग्री सेल्सियस, 2.2 डिग्री सेल्सियस और 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के लिए बृहस्पतिवार और शुक्रवार के वास्ते ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), मौसम संबंधी चेतावनी के लिए चार रंग के अलर्ट का इस्तेमाल करता है, जिनमें हरा (कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), पीला (ध्यान दें और नवीनतम जानकारी रखें), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें) रंग शामिल हैं।
आईएमडी के अनुसार, अगले 24 घंटे तक शीत लहर और ठंड का प्रकोप जारी रहने के आसार हैं। हालांकि, सात जनवरी से उत्तर-पश्चिम भारत के एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में आने के कारण सर्दी से थोड़ी राहत मिल सकती है।
आईएमडी के मुताबिक, मैदानी इलाकों में शीतलहर की घोषणा तब की जाती है, जब न्यूनतम तापमान लुढ़ककर चार डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाए या फिर 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो जाए।
वहीं, न्यूनतम तापमान के घटकर दो डिग्री सेल्सियस हो जाने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है।
इसी तरह, एक ठंडा दिन तब होता है, जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है। एक अत्यधिक ठंडा दिन तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक कम होता है।
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