नयी दिल्ली, 25 दिसंबर दिल्ली के कंझावला इलाके में मोहपाश में फंसा कर लोगों से जबरन वसूली करने वाले फर्जी पुलिसकर्मियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को यह दावा किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से दिल्ली पुलिस के तीन फर्जी पहचान पत्र और दिल्ली पुलिस के मुख्य आरक्षक की वर्दी भी बरामद की गई।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संजय भाटिया ने बताया, ‘‘तिलक नगर के नीरज त्यागी (42) उर्फ धीरज उर्फ धीरू, कराला के आशीष माथुर (31) और खरखौदा के दीपक उर्फ साजन (30) को बुद्ध विहार नाला, मुख्य कंझावला रोड के पास से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।’’
भाटिया ने बताया कि आरोपियों को पूछताछ के लिए अपराध शाखा कार्यालय ले जाया गया, जहां उन्होंने हिरासत से भागने की कोशिश की लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया।
उन्होंने बताया कि द्वारका जिले के बिंदापुर में महापोश मामले में नीरज और दीपक वांछित थे।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस साल अगस्त में एक अज्ञात लड़की ने 60 वर्षीय चिकित्सक से टेलीफोन पर बात की थी।
उन्होंने बताया कि लड़की ने चिकित्सक से बातचीत की और कुछ दिनों बाद उसने चिकित्सक को अपने घर बुलाया और कहा कि उसकी मां बीमार है।
अधिकारी ने बताया, “लड़की के बुलाने पर चिकित्सक पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन के पास स्थित उसके घर गए।’’
पुलिस ने एक बयान में कहा कि इसके बाद लड़की ने चिकित्सक की शर्ट के बटन खोले। इसके तुरतं बाद ही वहां पुलिस की वर्दी में दो लोग सहित चार व्यक्ति घुस आए।
इसमें कहा गया कि लड़की वहां से फरार हो गई और चारों लोगों ने चिकित्सक को पकड़ लिया। उन्होंने चिकित्सक को आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने की धमकी देकर कथित तौर पर नौ लाख रुपये वसूले।
भाटिया ने बताया कि चिकित्सक ने बिंदापुर की स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन नीरज और दीपक फरार हैं।
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