नयी दिल्ली, एक फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने साल 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में मंगलवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने आरोपी अरुण कुमार और रवि कुमार को राहत दे दी, लेकिन मामले के तीसरे आरोपी विशाल सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा थाने में दर्ज 85 वर्षीय अकबरी बेगम की हत्या के मामले में आरोपी अभियोजन का सामना कर रहे हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, भजनपुरा की रहने वाली महिला अपने घर के अंदर थी, तभी भीड़ ने कथित तौर पर उन्हें आग के हवाले कर दिया, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि परिवार के अन्य सदस्य खुद को बचाने के लिए छत पर चढ़ गए, जबकि बेगम अपनी अधिक उम्र के कारण सीढ़ी का उपयोग करके ऊपर नहीं चढ़ सकीं और दूसरी मंजिल के कमरे में ही रह गईं तथा दम घुटने से उनकी मृत्यु हो गई। इस संबंध में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती और दंगा सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोप पत्र के अनुसार दंगा और आगजनी करने वाली भीड़ का हिस्सा बने लोगों की पहचान के लिये विभिन्न पुलिस कर्मियों, प्रत्यक्षदर्शियों और आग बुझाने में मदद करने वालों के बयान दर्ज किये गए।
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों अरुण कुमार, वरुण कुमार, विशाल सिंह, रवि कुमार, प्रकाश चंद और सूरज को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों की बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हो गई थीं, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 700 लोग घायल हो गए थे।
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