नयी दिल्ली, चार जनवरी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने दिल्ली की एक अदालत के समक्ष सोमवार को आरोप लगाया कि उसके खिलाफ “मीडिया ट्रायल” चलाया जा रहा है और इससे उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का उसका अधिकार प्रभावित हो रहा है।
पिछले साल फरवरी में खजूरी खास में हुए दंगों से जुड़े मामले में जब मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये खालिद को पेश किया गया तो उसने यह बात रखी।
उसने दावा किया कि मीडिया के एक वर्ग को मामले में दायर पूरक आरोप-पत्र भी मिल गया वह भी तब जब उसे या उसके वकील को अदालत से इसकी प्रति नहीं मिली थी।
उसने आरोप लगाया कि बयानों को चुनिंदा तरीके से लीक किया जा रहा है जिससे स्वतंत्र सुनवाई का उसका अधिकार बाधित हो रहा है।
खालिद ने यह भी कहा कि हिरासत में रहने के दौरान उसने किसी बयान पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
अदालत इस मामले में पांच जनवरी को फिर सुनवाई करेगा।
इस मामले में उसके खिलाफ पिछले साल 26 दिसंबर को पूरक आरोप-पक्ष दायर किया गया था। इस मामले में निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन भी एक आरोपी है।
खालिद को मामले में पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले सितंबर 2020 में उसे दंगों की साजिश रचने से जुड़े एक मामले में सख्त गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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