देश की खबरें | दिल्ली दंगे : अदालत का नाले में शव मिलने के मामले में दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगे के दौरान गोकुलपुरी इलाके में नाले से मिले 15 साल के लड़के का शव मिलने के मामले में दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने कहा कि चश्मदीदों की गवाही पर गौर करते हुए, जिन्होंने अंकित चौधरी और ऋषभ चौधरी को दूसरे धर्म के व्यक्ति की पिटाई करते हुए देखने का दावा किया है, रिहाई का कोई आधार नहीं बनता।

न्यायमूर्ति मुक्ता ने आगे कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता अपराध स्थल के आसपापस रहते थे जहां पर रिकॉर्ड के मुताबिक उनके फोन का लोकेशन था, ऐसे में यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त नहीं है वे मौके पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने घर पर ही फोन छोड़ दिया होगा।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 15 साल के लड़के का शव एक मार्च 2020 को नाले से मिला था और उसके सिर के पीछे चोट के निशान थे। मृतक के पिता ने कपड़ों के आधार पर 13 मार्च 2020 को शव की पहचान की।

इस मामले में गोकुलपुरी पुलिस थाने में हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अदालत ने रेखांकित किया कि गवाहों के बयान के मुताबिक याचिकाकर्ता सहित कुछ लोग पुलिया के नजदीक एकत्र थे और वहां से गुजरने वालों पर डंडों, लोहे की छड़ें और पत्थर से हमला कर उन्हें नाले में फेंक रहे थे।

अदालत ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि तीन गवाहों ने साफ तौर पर दो याचिकाकर्ताओं सहित अन्य आरोपियों की पहचान की है जो घटनास्थल पर मौजूद थे और प्रत्येक व्यक्ति की पहचानपत्र देख दूसरे धर्म का पता लगा रहे थे और उनपर हमला कर रहे थे। गवाहों के बयान में आरोपी के नाम हैं।’’

अदालत ने कहा, ‘‘गवाहों के बयान, जो स्थानीय निवासी हैं, पर गौर करने के बाद यह अदालत याचिकाकर्ताओं को नियमित जमानत देने का कोई आधार नहीं पाती। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

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