नयी दिल्ली,28 जुलाई उत्तर- पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान हत्या की कोशिश के मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति की जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मोहम्मद मुकर्रम की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह गैरकानूनी रूप से एकत्र हुई उस भीड़ का हिस्सा था, जो इलाके में गोली लगने से तीन लोगों के घायल होने के लिये कथित तौर पर जिम्मेदार है।
अदालत ने कहा कि घायल व्यक्ति भी आरोपी के इलाके के ही रहने वाले हैं और यदि मुकर्रम को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो उन्हें धमकी दिये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
अदालत ने कहा कि घटना की सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि दंगाई भीड़ में सह आरोपी और अन्य व्यक्ति घातक हथियारों से लैस थे।
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यह सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई।
उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और इसका विरोध करने वाले लोगों के बीच हिंसा होने के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक झड़प हुई थी। हिंसा की घटनाओं में 53 लोग मारे गये थे जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे।
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