नयी दिल्ली, 22 नवंबर दक्षिण दिल्ली के हौजखास क्षेत्र में दर्ज किये गये जबरन वसूली के एक मामले में कथित मुख्य आरोपी दिल्ली पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक(एएसआई) को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकार दी।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान राजबीर सिंह के रूप में की गयी है तथा चार अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये गये थे।
पुलिस के अनुसार हौज खास थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 28 जून, 2020 को उसके पिता को एक फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को गैंगस्टर काला बताते हुए उन्हें धमकी दी एवं उन्हें दो करोड़ रूपये देने को कहा।
पुलिस के अनुसार काला ने धमकी दी कि यदि उसकी मांग नहीं मानी गयी तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा।
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच के दौरान पता चला कि जबरन वसूली का कॉल करने के लिए उपयोग में लाये गये सिम कार्ड और मोबाइल फोन कथित रूप से 27 जून को रोहतक में राम मूर्ति नामक एक व्यक्ति से कथित रूप से छीने गये थे।
अधिकारी के मुताबिक लेकिन छीने गये मोबाइल से फोन नहीं किया गया, बल्कि उसके सिम को दूसरे मोबाइल में डालकर फोन किया गया। दूसरा हैंडसेट मुकेश नामक एक व्यक्ति ने सावन से लिया था, दोनों ही गोयला डेयरी के पंकज गार्डन के रहने वाले हैं और इस मामले में आरोपी हैं।
अधिकारी के अनुसार मुकेश ने उस हैंडसेट को झज्जर जिले के प्रमोद उर्फ काला को दे दिया जिसने राजस्थान के भिवाड़ी से फोन किया। तब पुलिस द्वारा तीन आरोपी --मुकेश , सावन और सन्नी उर्फ शूटर गिरफ्तार किये गये।
अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान यह सामने आया कि प्रमोद तीन मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, जब इन नंबरों का विश्लेषण किया गया तब पता चला कि पीसीआर के दक्षिण पश्चिम जोन में तैनात एएसआई राजबीर सिंह निरंतर प्रमोद के संपर्क में था।
पुलिस के अनुसार सिंह शिकायतकर्ता को भी जानता था और उसने प्रमोद को उसके बारे में बताया। वह कई बार प्रमोद से मिला भी।
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