नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय फरवरी 2020 की हिंसा से संबंधित गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले में छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर इन मामलों की सुनवाई करेंगे।
दिल्ली पुलिस द्वारा इन मामलों में अपनी दलीलें पेश किए जाने की संभावना है।
खालिद, इमाम और अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के कथित ‘‘मुख्य षड़यंत्रकारी’’ होने के कारण यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यह हिंसा भड़क गई थी।
आरोपियों ने अदालत से जमानत का अनुरोध करते हुए कहा है कि वे लंबे समय से जेल में हैं और कई अन्य सह-आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है।
इमाम, गुलफिशा फातिमा और खालिद सैफी सहित अधिकतर आरोपियों ने 2022 में जमानत याचिकाएं दायर कीं और इन मामलों की सुनवाई समय-समय पर अलग-अलग पीठों में की गई।
उमर खालिद ने अक्टूबर 2022 में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पिछले साल दूसरी बार जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने 20 दिसंबर को सुनवाई सात जनवरी के लिए स्थगित कर दी थी। उस समय दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा था कि अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू मामले की पैरवी करेंगे।
हिंसा के बाद सभी आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था।
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