नयी दिल्ली, चार नवंबर दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर शुक्रवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में प्राथमिक स्कूल शनिवार से अगले आदेश तक बंद रहेंगे जबकि अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बाहरी गतिविधियां सीमित कर दी जाएंगी।
सरकार के इस फैसले से जहां माता-पिता ने राहत की सांस ली, वहीं कई स्कूलों और शिक्षाविदों ने स्कूलों के बार-बार बंद होने के कारण बच्चों के नुकसान पर चिंता व्यक्त की है। शिक्षाविदों ने कहा कि पहले कोविड-19 महामारी के मद्देनजर और अब बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कल से प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल बंद रहेंगे और पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के लिए बाहरी गतिविधियां निलंबित रहेंगी।’’
दिल्ली में धुएं की मोटी परत छाये रहने के चलते शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली में प्राथमिक तौर पर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के कारण दोपहर दो बजे एक्यूआई 445 दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि 400 से ऊपर का एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
वायु गुणवत्ता निगरानी वाले लगभग सभी स्टेशन में ‘गंभीर’ एक्यूआई दर्ज किया गया जबकि इनमें से 13 स्टेशन में एक्यूआई 450 से ऊपर रहा।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तर के कारण लागू किए गए प्रतिबंधों का विवरण देते हुए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि स्कूलों को अन्य छात्रों की बाहरी गतिविधियों को कम करने के लिए कहा जाएगा।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने हाल ही में दिल्ली सरकार से शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूलों को बंद करने को कहा था।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर, कई स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें बाहरी गतिविधियों को स्थगित करना और कक्षाओं में श्वांस अभ्यास शुरू करना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के परिणामस्वरूप देश भर में स्कूलों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद दिल्ली में एक नवंबर 2021 से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी।
लेकिन, इसके बाद प्रदूषण के बढ़ते स्तर और कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण स्कूलों को कई बार बंद करना पड़ा था।
स्कूलों को पूरी तरह से एक अप्रैल 2022 से ही खोला गया था।
दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष के दौरान सबसे अधिक है।
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