नयी दिल्ली, आठ जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने चीन की स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी वीवो के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में गिरफ्तार हुए लावा इंटरनेशनल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरि ओम राय की ज़मानत अर्ज़ी पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता ने आरोपियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसले को 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।
राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी और वकील नितेश राणा ने अदालत को बताया कि उन्हें कई बीमारियां हैं और इस कारण, "उन्हें जेल में रखना संकटपूर्ण हो सकता है।"
वकीलों ने कहा, “हालांकि जेल में डॉक्टर अच्छे हैं, लेकिन उन्हें वहां रखने से उनकी हालत खराब हो जाएगी।”
इस अर्ज़ी का ईडी ने विरोध करते हुए कहा कि ज़मानत पर रिहा होने पर आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
राणा ने पहले अदालत को बताया था कि राय की कंपनी और वीवो एक दशक पहले भारत में एक संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन 2014 के बाद से उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने न्यायाधीश को बताया कि आरोपी का वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था।
राय को कुछ अन्य लोगों के साथ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो ने "अवैध रूप से" चीन को 62,476 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।
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