जयपुर, 11 नवम्बर राजस्थान के निजी स्कूलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को फीस संबंधी मुद्दों को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया कि निजी स्कूलों के समक्ष गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो गया है।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), राजस्थान बोर्ड और कई मिशनरी विद्यालय पिछले पांच नवम्बर से अनिश्चितकालीन हडताल पर है। विद्यालयों के प्रबंधन के अनुसार बिना कोष के स्कूल बंद होने की कगार है और प्रबंधन अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।
निजी विद्यालयों के संगठन के एक सदस्य संदीप बख्शी ने बताया कि निजी विद्यालयों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को इस संबंध में स्थिति बताने के लिये राज्यपाल से मिला। आर्थिक संकट के चलते कई विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं और विद्यालयों ने आनलाईन कक्षाओं को भी बंद कर दिया है।
इससे पूर्व निजी विद्यालयों के मंच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी इस कठिन समय में मदद की गुहार की थी।
विद्यालयों के मालिकों ने प्रशासन से उच्च न्यायालय के नौ सितम्बर के आदेश का पालन करने का आग्रह किया था। राजस्थान उच्च न्यायालय ने नौ सितम्बर को विद्यालयों को 70 प्रतिशत ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश दिये थे।
हालांकि, हाल ही में राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर सीबीएसई विद्यालयों और राजस्थान बोर्ड के विद्यालयों को पाठयक्रम में कमी के अनुसार ट्यूशन फीस में 30—40 प्रतिशत की कमी करने के निर्देश दिये थे।
मंच ने कहा कि इन आदेशों से भ्रम पैदा हो गया है। इसका असर 50,000 स्कूलों और 11 लाख कर्मचारियों पर पड़ रहा है।
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