प्रयागराज, 17 जनवरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी द्वारा दायर याचिका पर अपना निर्णय मंगलवार सुरक्षित रख लिया।
जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान हिसाब-किताब को लेकर दिए बयान के संबंध में आपराधिक मुकदमा रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अब्बास अंसारी और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ मौजूदा मामला, सरकारी अधिकारियों को उनके कथित धमकी भरे बयान से जुड़ा है जो उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मार्च, 2022 में मऊ जिले में एक जनसभा में दिया था।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने वाले अब्बास अंसारी ने एक जनसभा में कथित तौर पर कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा क्योंकि पहले उनके साथ हिसाक किताब होगा।
सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनके कथित बयान के संबंध में अब्बास अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के बाद विधायक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। मौजूदा मामले में उन्होंने अदालत से यह आरोप पत्र रद्द करने का अनुरोध किया है।
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