जरुरी जानकारी | बाजार समीक्षा के बाद हिंदुस्तान जिंक में बिक्री पेशकश पर फैसला: खान सचिव

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल सरकार वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिए बेचने के लिए प्रतिबद्ध है।

खान सचिव वी एल कांता राव ने सोमवार को कहा कि इस बारे में बाजार की समीक्षा के बाद फैसला किया जाएगा।

सरकार, हिंदुस्तान जिंक में सबसे बड़ी अल्पांश शेयरधारक है। उसके पास कंपनी में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

राव ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ''हम ओएफएस के लिए प्रतिबद्ध हैं।''

खान मंत्रालय के हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की अलग इकाई बनाने की योजना को खारिज करने के बाद यह बयान आया है।

खान सचिव ने कहा, ''अलग इकाई बनाने पर हम किसी भी तरह से सहमत नहीं हैं।''

उनसे जब यह पूछा गया कि कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के लिए ओएफएस कब आ सकता है, तो राव ने कहा, ''जब बाजार तैयार नहीं है, तो ओएफएस लाने का कोई मतलब नहीं है। मुझे बाजार की समीक्षा करने दीजिए... प्रचार-प्रसार करने दीजिए और फिर हम निर्णय लेंगे।''

उच्चतम न्यायालय ने 2021 में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी बची हुई हिस्सेदारी को खुले बाजार में बेचने की अनुमति दी थी।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक ने कहा है कि वह कंपनी को विभाजित करने के अपने प्रस्ताव पर केंद्र के साथ बातचीत जारी रखेगी।

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