नई दिल्ली, 15 मई : 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' से पहले विशेषज्ञों ने कहा है कि व्यक्ति का ब्लड प्रेशर जितने लंबे समय तक अनियंत्रित रहेगा, वह उसके लिए उतना ही नुकसानदायक होगा. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और किडनी की समस्याएं आ सकती हैं. 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' हर साल 17 मई को मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है, "मेज़र योर ब्लड प्रेशर एक्युरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर.
रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन (दवाओं के उपयोग के बावजूद बीपी 140/90 से ऊपर) हाई बीपी है, जो उपचार पर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देता है. हाई बीपी या उच्च रक्तचाप वाले लगभग 20 प्रतिशत रोगी रेसिस्टेंट होते हैं. नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी ने आईएएनएस को बताया कि अनियंत्रित उच्च रक्तचाप निस्संदेह सबसे गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है. यह भी पढ़ें : नीतीश कुमार का नाम लेकर भ्रम फैला रहे हैं तेजस्वी: चिराग पासवान
हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में 188.3 मिलियन लोग उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से केवल 37 प्रतिशत व्यक्तियों को ही औपचारिक निदान प्राप्त होता है और इससे भी छोटा प्रतिशत नियमित रक्तचाप जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपचार शुरू करता है, खासकर जब आप 20 वर्ष की आयु तक पहुंचते हैं.''
पी. डी. हिंदुजा अस्पताल और एमआरसी, माहिम में कार्डियोथोरेसिक और हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयूर जैन ने आईएएनएस को बताया, ''अनियंत्रित उच्च रक्तचाप के निदान में रोगी की दवा के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के साथ-साथ मोटापा, स्लीप एपनिया और उच्च रक्तचाप के दूसरे कारणों की पहचान और प्रबंधन शामिल है.''
उन्होंने कहा, "हाई बीपी के कारण धमनी की दीवारों पर अत्यधिक दबाव से रक्त वाहिकाओं और शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. बीपी जितना अधिक होगा और लंबे समय तक अनियंत्रित रहेगा, उतना अधिक नुकसान हो सकता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और किडनी की समस्याएं आ सकती हैं.' महत्वपूर्ण बात यह है कि रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन में महीनों और वर्षों तक किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकता है.
अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रेफाई शोकथली ने आईएएनएस को बताया, ''हाई बीपी चिंताजनक लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इलाज में कभी देरी न करें. इसके दीर्घकालिक परिणाम गंभीर होते हैं."
मैक्स अस्पताल वैशाली के वरिष्ठ निदेशक डॉ. आनंद पांडे ने आईएएनएस को बताया, ''दवा लेने का सही से पालन न करना, गतिहीन जीवन शैली और अत्यधिक नमक का सेवन, किडनी रोग या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिक गड़बड़ी जैसे कई कारक रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन को जन्म दे सकते हैं. डॉक्टर ने कहा कि रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवा, जीवनशैली और तनाव जैसी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है.