नयी दिल्ली, एक अगस्त मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर मंगलवार को भी राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 25 मिनट बाद दोपहर 12 बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो पर सभापति सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के सदस्य अयोध्या रामी रेड्डी को उनके जन्मदिन की बधाई दी। उसके बाद उन्होंने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
इसके बाद सभापति ने सदन में लगातार व्यवधान पर अफसोस जताया और कहा कि यह आचरण उच्च सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि हंगामे की वजह से ‘‘हम जनता में उपहास के पात्र बन रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि आज उन्हें कुल 16 नोटिस मिले हैं जो उचित प्रारूप में नहीं हैं, इसलिए उन्हें नामंजूर कर दिया गया है।
सभापति ने मणिपुर मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अल्पकालिक चर्चा की मंजूरी दी थी और 31 जुलाई को उसके लिए समय निर्धारित किया गया था लेकिन सदन में हंगामे की वजह से चर्चा नहीं हो सकी।
उन्होंने गतिरोध दूर करने के लिए कल विभिन्न दलों के साथ उनकी बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इस क्रम में 2014 में वरिष्ठ सदस्य सीताराम येचुरी की एक मांग पर आसन द्वारा दी गई व्यवस्था का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार में सामूहिक जिम्मेदारी होती है।
इस दौरान विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे। वे प्रधानमंत्री से सदन में आने की भी मांग कर रहे थे।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए धनखड़ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे इस संबंध में चर्चा नहीं चाहते हैं।
सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 11 बजकर 25 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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