ताजा खबरें | राज्यसभा में गतिरोध बरकरार, कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, चार अगस्त राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे के कारण पूर्वाह्न करीब साढ़े ग्यारह बजे दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

विपक्षी सदस्य मणिपुर हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में व्यवस्था बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन दोनों पक्षों ने हंगामा जारी रखा।

इसके बाद सभापति ने कार्यवाही 11 बजकर 31 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सुबह जैसे ही कार्यवाही आरंभ हुई भारतीय जनता पार्टी के सुरेंद्र सिंह नागर ने राजस्थान में एक युवती के खिलाफ हुए अत्याचार के मुद्दे को उठाया। इसके बाद भाजपा के अन्य सदस्य हंगामा करने लगे।

इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने की मांग को हंगामा शुरु कर दिया।

सभापति ने सदस्यों से अनुरोध किया वे जब सदन के सदस्यों को जन्मदिन की बधाई दे रहे हों तो कम से सदन में शोरगुल और हंगामा करना उचित नहीं है।

इसके बाद सदस्य शांत हुए तो सभापति ने वाईएसआर कांग्रेस के वेंकटरामण राव मोपी देवी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और फिर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 48 नोटिस मिले हैं।

उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राजस्थान के मुद्दे पर हंगामा और शोरगुल शुरु कर दिया।

सत्ताधारी दल के सदस्य राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

सभापति धनखड़ ने सदन के नेता पीयूष गोयल से आग्रह किया कि वे अपने सदस्यों को समझाएं और हंगामा करने से रोकें।

इस पर गोयल ने कहा कि सभी सदस्य राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार से चिंतित है। वहां बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, लिहाजा इस बारे में सदन में विचार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुद्दे पर कई सदस्यों ने चर्चा के नोटिस दिए हैं, लिहाजा इस पर चर्चा होनी चाहिए।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह मंच राजस्थान पर चर्चा का नहीं है।

उन्होंने नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा कराने की अपनी मांग एक बार फिर दोहराई।

इसी समय दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी और हंगामा शुरु हो गया।

हंगामा थमते न देख सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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