देश की खबरें | हेलीकॉप्टर घोटाले में बिचौलिये के फरार होने का खतरा: सीबीआई ने अदालत में कहा

नयी दिल्ली, 12 जनवरी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कथित बिचौलिये क्रिस्चन माइकल जेम्स के फरार होने का खतरा है और उसे मामले में जमानत नहीं दी जा सकती।

सीबीआई ने कहा कि जेम्स का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है, लेकिन ‘‘भारतीय इतिहास में लोगों के नेपाल के रास्ते भाग जाने के उदाहरण’’ हैं।

सीबीआई की ओर से विशेष सरकारी अभियोजक (एसपीपी) डी पी सिंह ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी के सामने दावा किया कि जेम्स मामले की जांच में भारत या इटली कहीं भी शामिल नहीं हुआ। उसे दिसंबर 2018 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था।

एसपीपी ने कहा, ‘‘जिस दिन उसे पता चला कि प्राधिकारियों ने मामला अपने हाथ में लिया है, वह वापस (दुबई) चला गया, कभी लौटा नहीं।’’

उन्होंने अदालत को सूचित किया कि एजेंसी ने मामले में करीब 280 गवाहों का हवाला देते हुए दो आरोपपत्र दाखिल किये हैं।

एसपीपी ने कहा कि मामला निचली अदालत के समक्ष आरोपियों को दस्तावेजों की आपूर्ति के लिहाज से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 207 के स्तर पर है और 230 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किये गये हैं।

कथित घोटाला इतालवी कंपनी अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है और 3,600 करोड़ रुपये का है।

जेम्स के वकील एजियो के जोसफ ने अदालत से कहा कि वह कथित तौर पर किसी अवैध लेन-देन से जुड़ा नहीं था और उसके किसी खाते से धन का लेन देन नहीं हुआ था।

जेम्स ने पहले अदालत में कहा था कि वह न्यायिक हिरासत में पहले ही तीन साल बिता चुका है और दोषी पाये जाने की स्थिति में भी उसे अधिकतम पांच साल कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।

उसने दलील दी थी कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से उसका कोई लेना-देना नहीं है तथा 2013 से शुरू हुई जांच में कुछ भी नहीं निकला है।

सीबीआई ने पहले कहा था कि दुबई से जेम्स के प्रत्यर्पण के बाद जांच में काफी प्रगति हुई थी।

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