देश की खबरें | दलाई लामा ने सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए विविधता, धर्मनिरपेक्ष विचारों को अपनाने का आह्वान किया

गंगटोक, 12 दिसंबर तिब्बती आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने मंगलवार को लगभग 30 हजार अनुयायियों को गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में बौद्ध धार्मिक उपदेश दिया और लोगों के बीच सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए विविधता और धर्मनिरपेक्ष विचारों को अपनाने का आह्वान किया।

दलाई लामा 10 साल के अंतराल के बाद हिमालयी राज्य की चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं।

दलाई लामा (87) ने अपने उपदेश की शुरुआत आंतरिक शांति तथा खुशी, विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा देने और सहानुभूतिशील दृष्टिकोण के माध्यम से वैश्विक मुद्दों को सुलझाने पर जोर देकर की।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी धर्म एक समान हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्म करुणा और अहिंसा का पाठ पढ़ाते हैं।

तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने कहा, ‘‘आइए, हम सभी लोगों के बीच बेहतर समझ, सहिष्णुता और साझा मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए विविधता और धर्मनिरपेक्ष विचारों को अपनाएं। इन आदर्शों को कायम रखते हुए, समाज सभी लोगों को समावेशिता करने, सद्भाव और सामूहिक भलाई के लिए प्रयास कर सकता है।’’

‘बोधिसत्व के 37 अभ्यास’ और ‘बोधिचित्त’ को लेकर आयोजित समारोह में उपदेश देते हुए 14वें दलाई लामा ने कहा, ‘‘हमारा धर्म हमें अन्याय करने वालों को भी माफ करना सिखाता है।’’

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने उपदेश देने के बाद राज्य सरकार की दो परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के तहत गंगटोक जिले के रुमटेक में 70 करोड़ रुपये की लागत से 2026 तक करमापा पार्क तथा 16वें करमापा की 52 फुटी ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सिमिक में ग्यालवा ल्हात्सुन चेनपो की तांबे प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा।

अपने संबोधन में, मुख्यमंत्री ने दलाई लामा का स्वागत किया और कहा कि उनका उपदेश और आशीर्वाद हिमालयी राज्य के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे।

मुख्यमंत्री द्वारा दलाई लामा के सम्मान में बुधवार को ‘सम्मान भवन’ में दोपहर का भोज आयोजित किया जाएगा।

वह बृहस्पतिवार को सिक्किम से सिलीगुड़ी के लिए रवाना होंगे।

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