नयी दिल्ली, आठ जनवरी आम आदमी पार्टी (आप) की निवर्तमान सरकार ने डेयरियों को भलस्वा से घोगा डेयरी कॉलोनी में स्थानांतरित करने के मामले में तब तक यथास्थिति बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया है, जब तक कि वहां के निवासियों के लिए समायोजन की नीति को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना से यह भी अनुरोध किया है कि वे इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करें, ताकि इससे बड़ी संख्या में जुड़े लोगों को राहत मिल सके।
अगस्त 2019 में विधायकों, अधिकारियों और डेयरी किसानों की एक संयुक्त समिति बनाई गई थी, जिसका काम अदालती आदेशों के अनुरूप डेयरी फार्म के लिए एक मानक नीति तैयार करना था। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि नीति अब तक नहीं बनी है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा डेयरियों को चार हफ्ते के भीतर स्थानांतरित करने का निर्देश जारी किया था, जिसके बाद नीति को अंतिम रूप देने की तत्काल आवश्यकता थी।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव का समर्थन किया है और सिफारिश की है कि जब तक प्रस्तावित नीति को मंजूरी नहीं मिल जाती और लागू नहीं हो जाती, तब तक दिल्ली नगर निगम और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड जैसे स्थानीय प्राधिकरण डेयरी मालिकों के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल कार्रवाई करने से बचें।
उन्होंने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की है कि डेयरी किसानों को अपनी आजीविका चलाने के लिए छोटे पैमाने पर गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियां करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
दिल्ली में डेयरी फार्म 1975-76 में मास्टर प्लान के तहत शहर के बाहरी इलाकों में स्थापित किए गए थे। हालांकि, विस्तार और शहरीकरण के साथ ये इलाके शहरी परिदृश्य में एकीकृत हो गए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)