अहमदाबाद, 12 जून बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के बृहस्पतिवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पत्तन के पास तट पर पहुंचने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी और कहा कि हवा की अधिकतम गति 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है।
अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगा दिए गए हैं।
आईएमडी अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, "चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। यह 15 जून को दोपहर के आसपास गुजरात के तट पर पहुंचेगा। इससे पहले 135-145 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और बहुत भारी बारिश होगी।"
उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ सहित अन्य क्षेत्रों में 15-16 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है और मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
अधिकारियों के अनुसार करीब 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा। पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने कहा, ‘‘करीब 3,000 लोगों, खासकर मछुआरे और एक बंदरगाह पर काम करने वाले मजदूरों को कांडला स्थानांतरित कर दिया गया है। समुद्र के पास कुछ झुग्गियों के निवासियों को भी मांडवी स्थानांतरित कर दिया गया है। तट से 10 किमी के दायरे में स्थित गांवों के करीब 23,000 लोगों को मंगलवार को (अस्थायी) आश्रय घरों में ले जाया जाएगा।’’
मौसम विभाग ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात अलर्ट... सुबह आज 0830 बजे चक्रवात पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 450 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था। इसके 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह को पार कर जाने का अनुमान है।’’
कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं।
इस बीच, दक्षिण और उत्तर गुजरात के तटीय जिलों- वलसाड, गिर सोमनाथ, भावनगर और अमरेली के कुछ हिस्सों में सोमवार को सुबह हल्की बारिश हुई।
अधिकारियों के अनुसार प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बलों (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) के दलों को तैयार रखा गया है और प्रशासन थल सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के संपर्क में है।
मौसम विभाग ने दिन में जारी नवीनतम बुलेटिन में कहा कि चक्रवात सात किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर की ओर बढ़ा और पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 440 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची (पाकिस्तान) से 620 किमी दक्षिण में स्थित था।
विभाग के अनुसार चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने का अनुमान है।
केंद्र ने राज्य सरकार को तटीय और अपतटीय गतिविधियों को विनियमित करने एवं कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी सहित सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों से लोगों को हटाने का निर्देश दिया है।
आईएमडी ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
आईएमडी ने यह भी कहा है कि समुद्र में हवा की गति 190 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
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