अहमदाबाद, 14 जून गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले अधिकारियों ने राज्य के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि ‘बिपारजॉय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का सामना करना पड़ा।
आईएमडी के मुताबिक, ‘बिपारजॉय’ के बृहस्पतिवार शाम एक ‘बेहद शक्तिशाली चक्रवाती तूफान’ के रूप में 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, द्वारका और कल्याणपुर में इस अवधि में क्रमश: 92 मिलीमीटर और 70 मिलीमीटर पानी बरसा।
विज्ञप्ति के मुताबिक, उक्त अवधि में जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर और कच्छ जिले की नौ तालुका में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई।
एसईओसी के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र और कच्छ जिले के 54 तालुका में 10 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा।
प्रदेश राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, “चक्रवात अभी कच्छ से लगभग 290 किलोमीटर दूर है। एहतियाती कदम के तौर पर हमने लगभग 50 हजार लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है। निकासी अभियान अभी भी जारी है और शाम तक शेष पांच हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।”
पांडे ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि जिन 50 हजार लोगों को निकाला गया है, उनमें से 18 हजार को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि अन्य को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पांडे के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 15, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग के 115 और प्रदेश विद्युत विभाग के 397 दलों को अलग-अलग तटीय जिलों में तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा, “विद्युत और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारी बिजली आपूर्ति और संपर्क बहाल करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। हमने बेहतर संवाद के लिए एचएएम रेडियो सेट और सैटेलाइट फोन से लैस विभिन्न दलों को भी क्षेत्रीय इलाकों में तैनात किया है।”
इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया।
आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि 15 जून को चक्रवात के गुजरात तट पर पहुंचने के साथ ही राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका तथा जामनगर में छिटपुट जगहों पर बेहद भारी बारिश होने के आसार हैं।
बुलेटिन के अनुसार, ‘बिपारजॉय’ के 15 जून की शाम तक एक बेहद शक्तिशाली चक्रवात के रूप में जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र, कच्छ तथा निकटवर्ती पाकिस्तान तट को पार करने की संभावना है। इस दौरान, क्षेत्र में 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
बुलेटिन के मुताबिक, चक्रवात के कारण पोरबंदर, राजकोट, मोरबी, जूनागढ़ और सौराष्ट्र तथा उत्तर गुजरात क्षेत्र के बाकी जिलों में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।
आईएमडी ने उत्तर गुजरात के जिलों और निकटवर्ती दक्षिण राजस्थान में शुक्रवार को भी छिटपुट जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की और भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है।
विभाग ने कहा है कि पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिले के तटों पर बुधवार दोपहर से 65-75 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 85 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
आईएमडी के मुताबिक, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले में ये हवाएं धीरे-धीरे 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार अख्तियार कर लेंगी और फिर बृहस्पतिवार तक 150 किलोमीटर प्रति घंटे के स्तर पर पहुंच जाएंगी।
विभाग ने बताया कि सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में समुद्री स्थितियां बुधवार शाम तक बहुत खराब व अस्थिर रहने के आसार हैं। उसने कहा कि बृहस्पतिवार शाम को समुद्री स्थितियों के सामान्य अवस्था में लौटने से पहले अत्यधिक खराब या अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचने की आशंका है।
आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की दस्तक के दौरान समुद्र में खगोलीय ज्वार से लगभग दो-तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने के कारण प्रभावित जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है।
विभाग के अनुसार, कुछ जगहों पर तीन से छह मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
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