
नयी दिल्ली, 10 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने शहर के एक निवासी द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों पर बुधवार को संज्ञान लिया और इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने रिज वन में पेड़ों की “अवैध” कटाई को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत को बताया कि शहर के पुलिस अधिकारी अन्य याचिकाकर्ता - नयी दिल्ली नेचर सोसाइटी - के बारे में भी पूछताछ कर रहे हैं।
शंकरनारायणन ने दावा किया कि पुलिस ने उनके बैंक से भी संपर्क किया है और उनके खातों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
पीठ ने शंकरनारायणन की दलील पर गौर किया और मामले में नोटिस जारी किया।
बिंदु कपूरिया ने अपनी अवमानना याचिका में आरोप लगाया है कि चार मार्च को अदालत के आदेश के बावजूद पेड़ों को काटा गया। याचिका में कहा गया कि आदेश में डीडीए को इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था और पेड़ों की कटाई के बारे में अदालत से तथ्य छिपाया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए रिज वन में 1,100 पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू की है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)