मुंबई, 10 अक्टूबर : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सितंबर के अंत में ‘आर वैल्यू’ बढ़कर एक हो गई. आर वैल्यू से संकेत मिलता है कि कोविड-19 महामारी कितनी तेजी से फैल रही है. यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है. रिप्रोडक्शन संख्या या आर वैल्यू इंगित करती है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन और कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह बताता है कि वायरस कितने प्रभावी तरीके से बढ़ रहा है. आर वैल्यू अगर एक से नीचे होती है तो अभिप्राय है कि संक्रमण धीरे-धीरे फैल रहा है जबकि एक से अधिक होने का अभिप्राय है कि प्रत्येक संक्रमित संक्रमण फैला रहा है और इसे महामारी का चरण कहा जाता है.
चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान के अध्ययन के मुताबिक 10 से 13 अगस्त के बीच मुंबई की आर वैल्यू 0.70 थी जो 13 से 17 अगस्त के बीच बढ़कर 0.95 हो गई. 25 अगस्त से 18 सितंबर तक इसमें और बढ़ोतरी हुई और यह 1.09 तक पहुंच गई. 25 सितंबर से 27 सितंबर के बीच हालांकि गिरावट दर्ज की गई और यह 0.95 पर आ गई. संस्थान के मुताबिक 28 से 30 सितंबर के बीच आर वैल्य में एक बार फिर वृद्धि देखने को मिली और 1.03 पर पहुंच गई. मुंबई में आर वैल्यू में ऐसे समय वृद्धि हो रही है जब कोविड-19 के मामलों की संख्या त्योहारी मौसम की वजह से बढ़ रही है.
मुंबई में छह अक्टूबर को कोविड-19 के 629 नए मामले आए जो 14 जुलाई को आए 635 मामलों के बाद सबसे अधिक हैं. महाराष्ट्र सरकार ने इस बीच सात अक्टूबर से (नवरात्रि के पहले दिन) राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी है. यह भी पढ़ें : COVID-19: मुंबई में कई हफ्तों बाद कोरोना के फिर मामले बढे, बीते 24 घंटे में 629 नए केस, 7 की मौत
चेन्नई के संस्थान के मुताबिक मुंबई की आर वैल्यू सितंबर के अंत में बढ़कर एक हो गई है लेकिन फिर भी शहर की स्थिति कोलकाता और बेंगलुरु से बेहतर है. कोलकाता में आर वैल्यू एक अगस्त से ही एक के करीब है और 29 सितंबर से चार अक्टूबर तक शहर में आर वैल्यू 1.06 रही.
बेंगलुरु की आर वैल्यू भी पिछले महीने से ही करीब एक रही है और 28 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच में इसमें बढ़ोतरी हुई और यह 1.05 पर आ गई. दिल्ली, चेन्नई और पुणे की आर वैल्यू एक से नीचे है.