मुंबई, 16 जुलाई बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह वरिष्ठ नागरिकों और बिस्तर पर पड़े अस्वस्थ लोगों के लिए घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार की प्रगति से संतुष्ट नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार 20 जुलाई तक दिशानिर्देश तैयार करेगी।
महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने अदालत को बताया कि राज्य भर की जनता से बिस्तर पर पड़े उन अस्वस्थ लोगों के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी जो अपने घर पर ही टीका लगवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमें 13,584 जवाब मिले हैं।’’
न्यायालय ने कहा कि संख्या बड़ी नहीं है और कहा कि सरकार को समाचार पत्रों में इस प्रस्ताव का व्यापक प्रचार करना चाहिए। न्यायालय ने कहा, ‘‘हम उचित दिशा-निर्देश चाहते हैं। अब तक आपको (राज्य सरकार को) एक नीति बनानी चाहिए थी। अन्यथा, टीकाकरण अभियान में देरी हो रही है। हम प्रगति से संतुष्ट नहीं हैं।’’
पीठ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार 20 जुलाई तक दिशानिर्देश जारी करेगी।
अदालत दो अधिवक्ताओं - ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी - जिसमें केंद्र और राज्य सरकार को 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों और बिस्तर पर पड़े अस्वस्थ लोगों के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि ये व्यक्ति टीकाकरण केंद्रों में जाने में असमर्थ हैं। न्यायालय इस मामले में अब 20 जुलाई को आगे सुनवाई करेगा।
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