देश की खबरें | हास्य कलाकार कुणाल कामरा की अवमानना याचिका पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली, 22 फरवरी न्यायपालिका के खिलाफ कथित तौर पर विवादास्पद ट्वीट को लेकर हास्य कलाकार कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना के मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई सोमवार को चार हफ्तों के लिये टाल दी गई।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की एक पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा कामरा के हलफनामे पर जवाब दायर करने के लिये समय मांगे जाने के बाद यह निर्देश दिया।

कामरा मामले में एक याचिका विधि छात्र श्रीरंग कातनेश्वरकर और अन्य ने दायर की है।

कामरा ने अपने जवाब में न्यायपालिका के खिलाफ अपने कथित विवादास्पद ट्वीट का बचाव करते हुए कहा कि यदि शक्तिशाली लोग और संस्थाएं आलोचनाओं को सहन करने में असमर्थता दर्शाएंगी तो भारत बंधुआ कलाकारों और चाटुकारों का देश बनकर रह जाएगा।

अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहे कामरा ने यह भी कहा कि असहिष्णुता की संस्कृति बढ़ रही है, जहां किसी भी चीज को अपराध मान लेने को मौलिक अधिकार के तौर पर देखा जा रहा है और यह इसे “बेहद लोकप्रिय राष्ट्रीय घरेलू खेल” के तौर पर बढ़ाया जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को कामरा को उच्चतम न्यायालय के खिलाफ उनके कथित विवादास्पद ट्वीट को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी थी।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत देते हुए कहा था कि हास्य कलाकार के ट्वीट “अच्छी भावना” में नहीं थे और अब समय आ गया है कि लोग यह समझें कि उच्चतम न्यायालय पर बेवजह निशाना साधने पर सजा मिलेगी।

किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिये अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति जरूरी है।

उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना में 2000 रुपये का जुर्माना और छह महीने तक कैद की सजा हो सकती है।

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